कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ गुस्से की लहर तेज हो गई है। इस मुद्दे को लेकर ‘पश्चिमबंगा छात्र समाज’ नामक छात्र संगठन ने आज राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर मार्च करने का ऐलान किया है। इस प्रदर्शन को ‘नबन्ना अभियान’ नाम दिया गया है। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करना है।
शुभेंदु अधिकारी का बड़ा आरोप: 4 छात्र लापता
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि नबन्ना रैली से पहले चार छात्र गायब हो गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी कि हावड़ा स्टेशन से आधी रात के बाद सुभोजित घोष, पुलोकेश पंडित, गौतम सेनापति और प्रीतम सरकार नाम के चार छात्र लापता हो गए हैं। अधिकारी ने आशंका जताई कि इन छात्रों को ममता सरकार की पुलिस ने गिरफ्तार कर हिरासत में लिया हो सकता है।
प्रदर्शन की शुरुआत दोपहर 1 बजे से
इस प्रदर्शन की शुरुआत मंगलवार को दोपहर 1 बजे से होनी है। रैली का मुख्य उद्देश्य कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले का विरोध करना है। हालांकि, बीजेपी ने इस प्रदर्शन को अपना नहीं माना है, लेकिन इसे समर्थन देने का ऐलान किया है।
पुलिस ने रैली को अवैध घोषित किया, इजाजत देने से इनकार
बंगाल के ADG लॉ एंड ऑर्डर ने नबन्ना रैली को अवैध घोषित करते हुए कहा कि नबन्ना एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोलकाता पुलिस ने भी पश्चिमबंगा छात्र समाज को इस रैली की परमिशन नहीं दी है और प्रदर्शन में हिंसक साजिश की आशंका जताई है। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गई है, जो इसे और भी संदेहास्पद बनाता है।
बीजेपी का प्रदर्शन को समर्थन, टीएमसी का आरोप
पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह आंदोलन बीजेपी का नहीं है, लेकिन पार्टी इसे समर्थन देगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया तो बीजेपी इसका कड़ा विरोध करेगी। वहीं, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भाजपा, CPM, और कांग्रेस पर एकजुट होकर टीएमसी के खिलाफ अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राम-वाम सभी टीएमसी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं।
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