पॉपुलर मैसेजिंग ऐप Telegram के फाउंडर और CEO पावेल ड्यूरोव (
) की पेरिस में गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार भी इस ऐप की जांच शुरू करने की तैयारी में है। सरकार यह जांच करेगी कि क्या Telegram का उपयोग भारत में आपराधिक गतिविधियों, जैसे कि जबरन वसूली और जुआ, के लिए हो रहा है। अगर जांच में Telegram को दोषी पाया जाता है, तो इस पर बैन लगने की भी संभावना है।
भारत में शुरू हो सकती है जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार की यह जांच गृह मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत काम करने वाली एजेंसी Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) द्वारा की जा सकती है। Telegram के भारत में लगभग 5 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, जिससे इसके बड़े स्तर पर इस्तेमाल का पता चलता है।
जांच का फोकस
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार की जांच का मुख्य फोकस Telegram के Peer-To-Peer (P2P) कम्युनिकेशन पर होगा। इसमें गैर कानूनी गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जांच की रिपोर्ट के आधार पर फाइनल डिसीजन लिया जाएगा कि Telegram पर बैन लगाया जाए या नहीं।
पेरिस में हुई पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी
Telegram के CEO पावेल ड्यूरोव को शनिवार शाम पेरिस के बॉर्गेट हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद से ही पूरी दुनिया में यह खबर तेजी से फैल गई। हालांकि, इस गिरफ्तारी पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। Tesla के CEO एलन मस्क समेत कई लोगों ने ड्यूरोव के समर्थन में बयान दिए, जबकि कुछ ने इसका विरोध किया।
क्यों की गई गिरफ्तारी?
पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी एक पुलिस जांच के तहत की गई, जिसमें Telegram पर मॉडरेटर की कमी का मामला सामने आया था। जांच में पाया गया कि मॉडरेटर की कमी के चलते ऐप पर आपराधिक गतिविधियों को बिना रोक-टोक के चलने दिया गया।
Rumble के CEO ने छोड़ा यूरोप
Telegram CEO की गिरफ्तारी से घबराकर वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Rumble के CEO क्रिस पावलोवस्की ने कुछ ही घंटों के अंदर यूरोप छोड़ दिया। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद X (पूर्व में Twitter) पर पोस्ट के जरिए दी।
भारत में Telegram की जांच के नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हैं, और देखना होगा कि क्या इस पॉपुलर मैसेजिंग ऐप पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
Vinay_Harbla is a political and education expert with a deep understanding of governance, policy, and academic trends. With [3 years] of experience, they offer insightful analysis on current political events and educational developments shaping today’s world.