महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई है। यह प्रतिमा 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी। प्रतिमा के गिरने के बाद इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की कड़ी आलोचना की है।
सीएम शिंदे की सफाई: प्रतिमा हवा की वजह से गिरी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सफाई देते हुए बताया कि यह प्रतिमा नौसेना द्वारा बनाई गई थी और हवा के कारण गिर गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां एक नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्रतिमा को नौसेना दिवस के अवसर पर ‘बहादुरी को सलाम’ के रूप में स्थापित किया गया था।
विपक्ष का हमला: गुणवत्ता और जल्दबाज़ी पर सवाल
प्रतिमा गिरने के बाद विपक्ष ने काम की गुणवत्ता और प्रतिमा के अनावरण में जल्दबाजी का आरोप लगाते हुए सरकार की निंदा की है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक वैभव नाइक ने इस घटना को लेकर आक्रामक रुख अपनाया और जांच की मांग की है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।
एनसीपी का हमला: सरकार पर गंभीर आरोप
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रतिमा स्थापित करते समय सावधानी नहीं बरती गई, और यह घटना सरकार की लापरवाही का परिणाम है। पाटिल ने आरोप लगाया कि सरकार केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से प्रतिमा का अनावरण करवाने पर ध्यान केंद्रित कर रही थी, जबकि काम की गुणवत्ता को नजरअंदाज किया गया।
सुप्रिया सुले का बयान: शिवाजी महाराज का अपमान
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट कर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री किसी स्मारक या इमारत का उद्घाटन करते हैं, तो लोगों को गुणवत्तापूर्ण काम की उम्मीद होती है। लेकिन शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना एक साल के भीतर ही, छत्रपति शिवाजी का अपमान है।
इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, और सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री शिंदे ने स्थिति को जल्द से जल्द सुधारने का वादा किया है।
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