प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलगांव में ‘लखपति दीदी’ सम्मेलन में 11 लाख महिलाओं को किया सम्मानित, महिलाओं की सुरक्षा पर दिया बड़ा बयान
महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार को एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ जब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लखपति दीदी’ महासम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से लगभग सवा लाख महिलाएं शामिल हुईं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 11 लाख ‘लखपति दीदियों’ को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। ये महिलाएं मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान इस मुकाम तक पहुंची हैं।
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने 2,500 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड जारी किया, जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, पीएम मोदी ने 5,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण भी वितरित किया, जिससे 2.35 लाख एसएचजी के 25.8 लाख सदस्य लाभान्वित होंगे।
महिलाओं की सुरक्षा पर प्रधानमंत्री का बयान
महासम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया। हाल ही में कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर के दुष्कर्म-हत्याकांड के संदर्भ में उन्होंने कहा, “माताओं, बहनों और बेटियों को सशक्त करने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से कई बार इस मुद्दे को उठाया है। मैं अपनी बहनों-बेटियों के दर्द और गुस्से को समझता हूं। महिलाओं के खिलाफ अपराध एक अक्षम्य पाप है, और जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकारें आती-जाती रहेंगी, लेकिन महिलाओं के जीवन और सम्मान की रक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमने भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार को लेकर एक विस्तृत कानून बनाया है। अब पीड़ित महिलाएं घर बैठे ई-एफआईआर दर्ज करा सकती हैं और कोई भी थाने का कर्मचारी इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा।”
सम्मानित महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियां
इस महासम्मेलन में पीएम मोदी ने देश की छह महिलाओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें हिमाचल प्रदेश की शीतल नरेट, कश्मीर के शोपियां की महबूबा और महाराष्ट्र के जलगांव की वंदना पाटिल शामिल हैं। शीतल नरेट, जो हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं, ने बताया कि वह इस योजना के तहत हर महीने 50 हजार से एक लाख रुपये तक कमा रही हैं। वंदना पाटिल ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुझे यह सम्मान मेरे साथ काम करने वाली महिलाओं की वजह से मिला है, इसलिए मैं इसे उन सभी को समर्पित करती हूं।” कश्मीर के शोपियां की महबूबा ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे सम्मानित करेंगे। मैं चाहती हूं कि मेरे साथ काम करने वाली सभी लड़कियां ‘लखपति दीदी’ बनें।”
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान ‘लखपति दीदी’ योजना की सफलता को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “आज यहां लखपति दीदी का महासम्मेलन हो रहा है। मेरी बहनें यहां बड़ी संख्या में मौजूद हैं। आज 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी की गई है। यह पैसा लाखों बहनों को ‘लखपति दीदी’ बनाने में मदद करेगा।”
पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की महिलाओं की विशेष तारीफ करते हुए कहा कि यहां की संस्कृति और मूल्य पूरे भारत और दुनिया में फैले हुए हैं। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की महिलाएं अपने मेहनत और समर्पण से न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज का उत्थान कर रही हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है।”
लखपति दीदी सम्मेलन की विशेषताएं
लखपति दीदी महासम्मेलन में पीएम मोदी ने 11 लाख महिलाओं को सम्मानित किया, जो कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान ‘लखपति दीदी’ बनीं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 2,500 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 5,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण भी वितरित किया। इन योजनाओं का उद्देश्य देशभर की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने देश की महिलाओं के प्रति अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध को एक अक्षम्य पाप करार दिया और सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
इस सम्मेलन ने न केवल महिलाओं को सम्मानित किया, बल्कि देशभर की महिलाओं के लिए एक नई प्रेरणा भी दी है।
Vinay_Harbla is a political and education expert with a deep understanding of governance, policy, and academic trends. With [3 years] of experience, they offer insightful analysis on current political events and educational developments shaping today’s world.