भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का स्वागत
, जहाँ उनका जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर नाच-गाने के
साथ इस भव्य स्वागत में भारत के दो प्रमुख ओलंपिक मेडल विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक भी मौजूद थे। उनके साथ हरियाणा के कांग्रेस नेता और सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी विनेश के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे थे।
परिवार और गाँव में उत्साह
विनेश के वापस आने से पहले उनके गाँव और परिवार में भारी उत्साह देखा गया। उनकी मां प्रेमलता ने इस मौके पर कहा, “सभी गांव साथ हैं और सभी इंतज़ार में खड़े हैं। विनेश के आने पर
सबसे पहले मिठाई खिलाएंगे और उनका मान-सम्मान करेंगे। हमने सोने के साथ सम्मान करने के लिए मिठाई का हलवा भी तैयार किया है। मेरी बेटी चैंपियन है। वह गोल्ड की दावेदार थीं, लेकिन अब गोल्ड से भी बड़ा मान सम्मान हो रहा है।”
पेरिस ओलंपिक की उपलब्धि और दुर्भाग्य
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में महिला रेसलिंग के फ़ाइनल मुक़ाबले के लिए क्वालिफ़ाई किया था। इस उपलब्धि के साथ, वे ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं। उनकी इस सफलता ने न केवल उन्हें सिल्वर मेडल का दावेदार बना दिया, बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया। हालांकि, फ़ाइनल मुक़ाबले से ठीक पहले एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने उनकी इस सफलता को एक अलग मोड़ दे दिया।
मुक़ाबले से पहले उनका वजन तय मानक से 100 ग्राम ज्यादा पाया ग
या, जिसके कारण उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया। इसके बाद उनके समर्थन में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में अपील भी की गई, लेकिन वह अपील भी खारिज कर दी गई। इस फैसले ने न केवल विनेश बल्कि पूरे देश को निराश किया, लेकिन उनकी संघर्षशीलता और उपलब्धियों ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया है।
एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत
विनेश के भारत वापस लौटने पर उनका स्वागत उसी गरिमा और सम्मान के साथ किया गया, जैसा कि किसी गोल्ड मेडल विजेता का किया जाता है। एयरपोर्ट पर जब वे बाहर निकलीं, तो बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने उनसे बात की और उनका ढांढस बंधाया। यह नजारा किसी बड़ी जीत के बाद का था, जहाँ दोस्तों और सहयोगियों ने मिलकर उनका मनोबल बढ़ाया।
गाँव में स्वागत की तैयारी
विनेश के गाँव में भी उनके स्वागत की भव्य तैयारी की जा रही है। उनके भाई हरिंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि “कुश्ती और इस खेल को पसंद करने वाले सभी लोग
एयरपोर्ट पर विनेश का स्वागत करने आ पहुंचे हैं। हर क्षेत्र से लोग उनके स्वागत के लिए आ रहे हैं। गाँव में विनेश के भव्य स्वागत की तैयारियाँ जोरों पर हैं।”
विनेश के संघर्ष और हौसले की मिसाल
विनेश फोगाट का यह सफर उन तमाम संघर्षों और चुनौतियों का प्रतीक है, जो किसी भी खिलाड़ी को महान बनाते हैं। पेरिस ओलंपिक में हुए घटनाक्रम के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और समर्पण से भारतीय खेल जगत में अपनी पहचान को बरकरार रखा है। उनके साहस और संघर्षशीलता ने उन्हें केवल एक खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी बना दिया है।
निष्कर्ष
विनेश फोगाट का पेरिस से भारत लौटने पर जिस तरह से स्वागत हुआ, वह उनके साहस, मेहनत और संघर्ष की अद्वितीय गाथा को दर्शाता है। उनका यह सफर हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, और उनका स्वागत किसी गोल्ड मेडल विजेता के रूप में हुआ। विनेश फोगाट ने न केवल अपनी काबिलियत साबित की है, बल्कि अपने संघर्ष से यह भी सिद्ध कर दिया कि असली जीत वह होती है, जो मैदान से बाहर भी सम्मान और प्रशंसा दिलाए।
Vinay_Harbla is a political and education expert with a deep understanding of governance, policy, and academic trends. With [3 years] of experience, they offer insightful analysis on current political events and educational developments shaping today’s world.