महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पर झूठी जानकारी देने का आरोप
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के पुणे से ताल्लुक रखने वाली 34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। पूजा खेडकर अपने UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE-2022) चयन को लेकर विवादों में थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा के दौरान अपनी व्यक्तिगत जानकारी और दिव्यांगता से संबंधित विवरण गलत प्रस्तुत किया था, जिसके कारण संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने उन्हें अयोग्य घोषित किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित मामला
पूजा खेडकर ने अपने बर्खास्तगी से पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा में अपने 12 में से 7 प्रयासों को नजरअंदाज करने की अपील की थी। उनका दावा था कि उन्हें घुटने की समस्या है और 47% दिव्यांगता के बावजूद वे सामान्य श्रेणी में परीक्षा में बैठीं। उन्होंने अपनी याचिका में दिव्यांगता श्रेणी में परीक्षा देने की मांग की थी, जबकि सिविल सेवाओं के लिए आवश्यक दिव्यांगता का मापदंड 40% है।
फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का खुलासा
दिल्ली पुलिस ने 4 सितंबर 2024 को हाई कोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें पूजा खेडकर द्वारा जमा किए गए विकलांगता प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया गया। पुलिस ने बताया कि खेडकर ने जो प्रमाण पत्र 2022 और 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में जमा किया था, उसमें उनका नाम भी बदला हुआ था। इस फर्जी प्रमाण पत्र को महाराष्ट्र के अहमदनगर से जारी किया गया था, लेकिन पुलिस की जांच में यह प्रमाण पत्र भी झूठा निकला। मेडिकल अथॉरिटी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई विकलांगता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।
विवादों में थे खे
डकर के माता-पिता भी
पूजा खेडकर के माता-पिता भी पहले से ही कई विवादों में रहे हैं, और खेडकर के आईएएस बनने के बाद से ही वह लगातार विवादों का हिस्सा बनी हुई थीं। अब, केंद्र सरकार की इस कार्रवाई ने उन्हें प्रशासनिक सेवा से बाहर कर दिया है।
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