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PM Modi बोले-‘हमने 75 साल कम्युनल सिविल कोड में बिताए…,’अब सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने

image credit: NDTV

लाल क़िले से देश को संबोधित किया.

इस दौरान उन्होंने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत भी बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो कानून जो देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए। देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है और गलत कानूनों का आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है। मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है। अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा, ”जब हम 40 करोड़ थे, तब हमने सफलतापूर्वक आज़ादी का सपना देखा. आज तो हम 140 करोड़ हैं. एक साथ मिलकर हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं.”

UCC क्या है?

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना। अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा। संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का

दायित्व है

महिला सुरक्षा समेत इन मुद्दों पर बोले पीएम

पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा, ”एक समय पर आतंकवादी आकर देश में हमले करते थे लेकिन अब सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है और देश के युवा का सीना इससे गर्व से भर जाता है.”

पीएम ने कहा कि देश में ‘स्टेटस को’ यानी जो है उसी में गुज़ारा कर लेने वाला माहौल बन गया था लेकिन उनकी सरकार ने इस स्थिति को बदला.

प्रधानमंत्री के इस भाषण पर कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पवन खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा, “यह साहेब कितने ही साल इस पद पर रहें, इनका कद बढ़ ही नहीं सकता. ना इनके वैचारिक पूर्वजों को स्वतंत्रता दिवस से कोई मतलब था, ना इनके मन में आज के दिन की पवित्रता की समझ है.”

पवन खेड़ा ने बीजेपी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल को निशाने पर लेते हुए कहा, “हाँ, संसद में हुआ हमला दुखदाई था; हाँ, कंधार विमान अपहरण ने देश को दहला दिया था, लेकिन स्वर्गीय वाजपेयी जी के ख़िलाफ़ बोलने का यह भी कोई मौक़ा है?”

पवन खेड़ा ने लिखा कि वाजपेयी जी ने कम से कम पठानकोट हमले के बाद आईएसआई को निरीक्षण के लिए तो नहीं बुलाया था; आईएसआई को क्लीन चिट तो नहीं दी थी.

पीएम मोदी ने कहा कि आज महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे अपराध को गंभीरता से लिया जाना ज़रूरी है और दोषियों में डर पैदा करने की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, “मैं आज लाल क़िले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं. हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा.”

पीएम ने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो. राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए ज़रूरी है.

पीएम मोदी बोले, ”मैं कहना चाहूंगा कि जब बलात्कार की घटनाएं होती हैं तो वो मीडिया में छाया रहता है लेकिन जब ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को सज़ा होती है तो वह ख़बर नहीं बनता. मुझे लगता है कि समय आ गया है जब ऐसे कृत्य करने वालों की ख़बरें बनें. ये डर बनाना बहुत ज़रूरी है.”

पीएम ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है लेकिन उनके साथ अत्याचार चिंता की बात है.

वन नेशन, वन इलेक्शन पर भी बोले प्रधानमंत्री

मोदी ने कहा कि देश में बार-बार चुनाव प्रगति में रुकावट बन जाते हैं, बाधक बन जाते हैं। हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है। व्यापक चर्चा हुई है। राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए, संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जनसामान्य के लिए हो, इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए आगे आना चाहिए

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