Telegram के फाउंडर और CEO पावेल ड्यूरोव फ्रांस में गिरफ्तार: टेलीग्राम पर मॉडरेशन की कमी का आरोप
पेरिस: टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के फाउंडर और CEO पावेल ड्यूरोव को शनिवार शाम पेरिस के बॉर्गेट हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया।
ड्यूरोव अपने प्राइवेट जेट से अजरबैजान से यात्रा कर रहे थे, जब फ्रांस के अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया। फ्रांसीसी मीडिया आउटलेट्स टीएफ1 टीवी और बीएफएम टीवी ने अनजान सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
ड्यूरोव की यह गिरफ्तारी एक पुलिस जांच के तहत की गई है, जिसमें टेलीग्राम प्लेटफॉर्म पर मॉडरेशन की कमी पर सवाल उठाए गए हैं। आरोप है कि मॉडरेशन की इस कमी ने प्लेटफॉर्म पर मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और पीडोफाइल सामग्री साझा करने जैसी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया। फ्रांस के अधिकारियों द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के तहत 39 वर्षीय ड्यूरोव को हिरासत में लिया गया।
टेलीग्राम और पावेल ड्यूरोव: एक संक्षिप्त परिचय
पावेल ड्यूरोव का जन्म रूस में हुआ था और उन्होंने 2013 में अपने भाई के साथ मिलकर टेलीग्राम की शुरुआत की थी। टेलीग्राम का उद्देश्य एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना था, जो यूजर्स को सुरक्षित और निजी संचार की सुविधा प्रदान करे। इससे पहले, ड्यूरोव ने VKontakte नामक एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना की थी, जो रूस में काफी लोकप्रिय हुआ।
हालांकि, 2014 में रूस सरकार द्वारा VKontakte पर विरोधी पार्टियों की कम्युनिटी को बंद करने का आदेश दिए जाने पर ड्यूरोव ने इसका विरोध किया और रूस छोड़ दिया। इसके बाद से उन्होंने दुनिया के कई देशों में यात्रा की और अंततः 2017 में दुबई में बस गए। अगस्त 2021 में उन्होंने फ्रांसीसी नागरिकता स्वीकार की थी।
गिरफ्तारी के बाद बढ़ी अटकलें और प्रतिक्रियाएं
ड्यूरोव की गिरफ्तारी के बाद कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। फिलहाल, टेलीग्राम ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। फ्रांस के गृह मंत्रालय और पुलिस ने भी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। दूसरी ओर, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कदम उठा रहा है और पश्चिमी गैर-सरकारी संगठनों से ड्यूरोव की रिहाई की मांग करेगा।
ड्यूरोव की गिरफ्तारी का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह टेलीग्राम के तेजी से बढ़ते उपयोग के समय आया है। वर्तमान में, टेलीग्राम रूस, यूक्रेन और पूर्व सोवियत संघ के देशों में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले प्लेटफार्मों में से एक है। रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान यह प्लेटफॉर्म सूचना के आदान-प्रदान का एक प्रमुख स्रोत बन गया है।
टेलीग्राम और जियोपॉलिटिक्स: एक वर्चुअल युद्धक्षेत्र
विशेषज्ञों के अनुसार, टेलीग्राम रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का एक वर्चुअल युद्धक्षेत्र बन गया है। दोनों पक्षों के अधिकारी इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, जहां से अनफिल्टर्ड जानकारी साझा की जाती है। हालांकि, यह जानकारी कभी-कभी गलत या भ्रामक भी होती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उनके अधिकारियों के साथ-साथ रूसी सरकार द्वारा भी इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
रूस ने 2018 में टेलीग्राम को ब्लॉक करने का प्रयास किया था, जब ड्यूरोव ने रूसी सुरक्षा सेवाओं को एन्क्रिप्टेड मैसेज तक पहुंच देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, इस प्लेटफॉर्म का उपयोग रूस के कई क्षेत्रों में अभी भी जारी है। ड्यूरोव ने हमेशा से कहा है कि वह अपने प्लेटफॉर्म को निष्पक्ष रखना चाहते हैं और इसे कभी भी जियोपॉलिटिक्स का मोहरा नहीं बनने देंगे।
पावेल ड्यूरोव: स्वतंत्रता के पक्षधर
पावेल ड्यूरोव का दृष्टिकोण हमेशा से स्वतंत्रता पर केंद्रित रहा है। उन्होंने एक बार अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन से कहा था कि वह किसी के आदेशों का पालन करने की बजाय स्वतंत्र रहना पसंद करेंगे। ड्यूरोव का यह रवैया उनकी सभी गतिविधियों और निर्णयों में परिलक्षित होता है। उन्होंने 2014 में रूस छोड़ दिया और उसके बाद बर्लिन, लंदन, सिंगापुर और सैन फ्रांसिस्को में अपनी कंपनी के लिए स्थान तलाशने लगे।
फोर्ब्स के अनुसार, ड्यूरोव की कुल संपत्ति 15.5 अरब डॉलर है, लेकिन उन्होंने कहा है कि उनके पास कोई बड़ी संपत्ति नहीं है, क्योंकि वह स्वतंत्र रहना चाहते हैं। उनके पास कोई रियल एस्टेट, जेट या नौका नहीं है।
टेलीग्राम की बढ़ती लोकप्रियता और चुनौतियां
टेलीग्राम वर्तमान में एक अरब सक्रिय मासिक उपयोगकर्ताओं के लक्ष्य के करीब है। यह ऐप दुनिया भर में फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। इसमें कई ऐसे फीचर्स हैं, जो इसे अन्य ऐप्स से अलग और उपयोगकर्ताओं के लिए आकर्षक बनाते हैं।
हालांकि, टेलीग्राम को कई देशों में डेटा सुरक्षा और मॉडरेशन की कमी के कारण आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस में ड्यूरोव की गिरफ्तारी इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष: टेलीग्राम की स्वतंत्रता पर सवाल
पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी ने टेलीग्राम की स्वतंत्रता और उसके मॉडरेशन सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक तरफ ड्यूरोव प्लेटफॉर्म की निष्पक्षता और स्वतंत्रता को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, उन पर बढ़ते दबाव और कानूनी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि ड्यूरोव इस स्थिति से कैसे निपटते हैं और टेलीग्राम की भविष्य की दिशा क्या होगी।
Vinay_Harbla is a political and education expert with a deep understanding of governance, policy, and academic trends. With [3 years] of experience, they offer insightful analysis on current political events and educational developments shaping today’s world.