नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऐलान किया, जो 1 अप्रैल 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कैबिनेट बैठक के बाद इस नई पेंशन स्कीम की जानकारी दी, जिससे 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। हालांकि, इस स्कीम के तहत कुछ महत्वपूर्ण शर्तें और नियम भी लागू किए गए हैं, जिनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
UPS के तहत न्यूनतम पेंशन
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के अनुसार, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी अंतिम 12 महीनों की बेसिक सैलरी का 50% आजीवन पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने 10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन तय की है। इस स्कीम को राज्य सरकारें भी अपनी इच्छानुसार लागू कर सकती हैं, और महाराष्ट्र ने इसे पहले ही मंजूरी दे दी है।
10,000 रुपये की पेंशन के लिए शर्त
10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि कर्मचारी को कम से कम 10 साल की नौकरी पूरी करनी होगी। लेकिन अगर किसी कर्मचारी की सेवा 10 साल से कम है, तो उनके लिए क्या पेंशन प्रावधान होगा, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं है। सरकार का कहना है कि 10 साल की सेवा पर 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन दी जाएगी, लेकिन 10 साल से कम नौकरी करने वालों के लिए क्या नियम होंगे, इस पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।
25 साल की नौकरी जरूरी
इसके साथ ही, UPS के तहत पेंशन पाने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक नौकरी करनी होगी। यह शर्त UPS के दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।
निष्कर्ष
यूनिफाइड पेंशन स्कीम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई फायदे लेकर आ रही है, लेकिन इसमें कुछ नियम और शर्तें भी हैं जिनके बारे में स्पष्ट जानकारी की आवश्यकता है। खासकर, 10 साल से कम की सेवा वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन संबंधी प्रावधानों पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
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