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UPS या NPS: 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS या NPS में से कौन बेहतर? पूर्व वित्त सचिव अजय दुआ ने दी अपनी राय

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी देने के बाद, सरकारी कर्मचारियों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि UPS और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में से कौन सा विकल्प बेहतर है। पूर्व वित्त सचिव अजय दुआ ने इस बारे में NDTV को दिए एक इंटरव्यू में अपनी राय साझा की।

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यूनिफाइड पेंशन स्कीम की खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में UPS को मंजूरी दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। UPS के तहत, यदि किसी कर्मचारी ने 10 साल तक नौकरी की है, तो उसे कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। अजय दुआ के अनुसार, यह स्कीम काफी हद तक पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) जैसी है, जिसमें लाभ निश्चित किए गए हैं। इसमें महंगाई के अनुसार पेंशन में वृद्धि का भी प्रावधान है, जिससे कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलेगी, जो NPS की अनिश्चितता से मुक्त होगी।

कर्मचारियों की मांग को पूरा करता है UPS

अजय दुआ ने कहा कि UPS को लागू करना सरकार का एक अच्छा कदम है। लंबे समय से सरकारी कर्मचारी सुनिश्चित पेंशन की मांग कर रहे थे, क्योंकि NPS में पेंशन की राशि बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती थी। नई स्कीम में कर्मचारियों को डीए और बेसिक पेंशन के साथ ग्रेच्युटी और लमसम कंट्रीब्यूशन का भी लाभ मिलेगा। साथ ही, कर्मचारियों के पास यह विकल्प भी रहेगा कि वे NPS में रहना चाहें तो रह सकते हैं।

नए कर्मचारियों के पास भी विकल्प

अजय दुआ ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 के बाद भर्ती हुए नए कर्मचारियों के पास भी UPS और NPS में से चुनाव करने का विकल्प होगा। यह नियम पहले भी लागू था और भविष्य में भी इसमें बदलाव की संभावना नहीं है।

सरकार का योगदान और बोझ

UPS में सरकार ने अपना योगदान बढ़ाते हुए कर्मचारियों के जोखिम को कम किया है। पहले जहां सरकार का योगदान 14% था, वहीं इसे बढ़ाकर 18.5% किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। सरकार ने इस योजना के तहत 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ अपने ऊपर लिया है।

UPS या NPS: कौन बेहतर?

अजय दुआ के अनुसार, UPS वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर विकल्प है क्योंकि यह सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है, जबकि NPS में जोखिम अधिक होता है। सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि उन्हें सुनिश्चित पेंशन मिले, और UPS इस मांग को पूरा करता है।

10 साल की नौकरी जरूरी

UPS का लाभ पाने के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। यदि कोई कर्मचारी 10 साल की नौकरी पूरी नहीं करता है, तो उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 10 साल की सेवा पूरी करने पर कर्मचारी को न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।

अजय दुआ का मानना है कि UPS के लागू होने से अधिकांश सरकारी कर्मचारी इस योजना की ओर रुख करेंगे।

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